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happy vishwakarma puja 2024

Vishwakarma Puja 2024 : भारत में विभिन्न त्योहार और व्रत समाज के विभिन्न पहलुओं को समर्पित होते हैं। इन त्योहारों में विश्वकर्मा पूजा का अपना एक महत्वपूर्ण स्थान है। यह दिन उन लोगों के लिए विशेष होता है जो निर्माण कार्य, इंजीनियरिंग और कला से जुड़े होते हैं। विश्वकर्मा जी को देवताओं के वास्तुकार और शिल्पकार के रूप में पूजा जाता है। 2024 में विश्वकर्मा पूजा किस दिन होगी, शुभ मुहूर्त क्या होगा, और इस दिन का धार्मिक महत्व क्या है, आइए जानते हैं।

विश्वकर्मा पूजा 2024 की तिथि:

हर साल विश्वकर्मा पूजा भाद्रपद मास के अंत में यानी कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। 2024 में विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर को मनाई जाएगी। यह दिन भगवान विश्वकर्मा के प्रति आस्था व्यक्त करने और उनके आशीर्वाद के लिए समर्पित होता है।

Vishwakarma Puja 2024 Ki subh muhurah:

वास्तव में विश्वकर्मा पूजा के लिए दिन का शुभ मुहूर्त बहुत महत्वपूर्ण होता है। यह पूजा कन्या संक्रांति के समय की जाती है, जब सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करते हैं। इस समय किए गए कर्म, निर्माण और योजना से संबंधित कार्यों में विशेष सिद्धि मानी जाती है।
2024 में विश्वकर्मा पूजा के शुभ मुहूर्त की अवधि होगी:

  • संक्रांति काल: 1:50 PM
  • पूजा का उत्तम समय: 2:00 PM से 3:00 PM के बीच

विश्वकर्मा पूजा का महत्व 2024:

भगवान विश्वकर्मा को समर्पित यह दिन विशेषकर कारीगरों, शिल्पकारों, यांत्रिकी और मशीनों से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस दिन विशेष रूप से उपकरण, औजार और मशीनों की पूजा की जाती है, ताकि वे सही ढंग से कार्य करें और भविष्य में कोई अवरोध न हो।
विशेष रूप से औद्योगिक क्षेत्रों और कारखानों में इस दिन बहुत धूमधाम से विश्वकर्मा पूजा की जाती है। मशीनों की सफाई की जाती है, उन्हें फूलों से सजाया जाता है और भगवान विश्वकर्मा का आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है।

विश्वकर्मा पूजा का विधि 2024:

इस दिन लोग अपने कार्यस्थल पर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति की स्थापना करते हैं। पूजा में विधिपूर्वक सामग्री का उपयोग किया जाता है, जिसमें फूल, नारियल, प्रसाद, धूप और दीप शामिल होते हैं। भगवान विश्वकर्मा की पूजा के बाद सभी औजारों और मशीनों को भी पूजित किया जाता है।

विश्वकर्मा पूजा का सांस्कृतिक पक्ष:

कई जगहों पर इस दिन को बड़े उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। लोग विभिन्न प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। यह दिन न केवल कर्मठता और निर्माण क्षमता का प्रतीक है, बल्कि भगवान विश्वकर्मा की कृपा से बेहतर भविष्य की दिशा में उठाए गए कदमों का भी प्रतीक है।

निष्कर्ष:
विश्वकर्मा पूजा न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि समाज के निर्माण और विकास में एक अहम भूमिका निभाने वाले कारीगरों और श्रमिकों के लिए भी सम्मान का प्रतीक है। यह दिन हमें हमारे श्रम की शक्ति और रचनात्मकता की याद दिलाता है और हमें एक समृद्ध और सफल जीवन के लिए प्रेरित करता है।

By NITISH BIHARI

Hello! My name is Nitish Bihari, and I hail from Samastipur, Bihar, India. I started my educational journey in the science stream for my 12th grade and am currently pursuing my graduation. About Me: Education: I completed my 12th grade in the science stream, where I explored my interests and laid the foundation for further academic pursuits. Passion for Writing: Writing is my passion, and I enjoy delving into various topics such as science, technology, and social issues. Future Goals: My aim is to establish myself as a writer and contribute to society through education, inspiration, and entertainment. Contact Information: If you would like to get in touch or hear more about my thoughts, feel free to contact me via email: Email: Nitish432006@gmail.com Thank you!

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